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रूई का चोर  – Akbar Birbal Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

रूई का चोर  – Akbar Birbal Short Story In Hindi

अकबर और बीरबल की इस कहानी(रूई का चोर  – Akbar Birbal Short Story In Hindi) में बीरबल अपनी सूज – बुज और चालाकी से रूई चोर को पकड़ता है।

राज्य के कपड़े बुनने के लिए रूई की मांग अन्य स्थानों से की जाती थी। यह एक सामान्य प्रक्रिया थी जो हर समय चलती रहती थी। रूई की मात्रा काफी पर्याप्त थी, फिर भी विचारकों के सामने एक अजीब समस्या खड़ी हो गई, रूई की चोरी की बातें छायी थीं। रूई की चोरी कौन कर रहा है, इसका पता लगाना किसी के लिए असंभव था।

राज्य में रूई की मांग तेजी से बढ़ रही थी, लेकिन जुलाहों को पर्याप्त मात्रा में रूई नहीं मिल रही थी। चोर बाजारी किसी के सामने दिखाई नहीं दे रही थी, लेकिन यह समस्या बनी हुई थी। जुलाहों को सामान्य रूई की कमी थी, जिसका कारण किसे भी स्पष्ट नहीं था।

सरकार ने तोड़-फोड़ से लेकर सख्ती तक कई कदम उठाए, लेकिन रूई की मात्रा में वृद्धि नहीं हुई। जुलाहों को सामान्य से अधिक रूई मिलाने के लिए कई बार आयात बढ़ा दिया गया, लेकिन फिर भी समस्या ही समस्या थी।

बादशाह ने क्रोध जताया और उन्होंने निष्ठुरता से रूई की मांग को बंद कर दिया। इससे व्यापारिक सेक्टर में बहुत सारी बदलाव हो गए। जुलाहों को सामान्य रूई मिलने बंद हो गई, जिसके परिणामस्वरूप वे बेकार हो गए।

यह समस्या जब बीरबल के कान में पहुंची, तो उन्होंने उनकी परेशानी सुनी और उन्हें आश्वासन दिया। उन्होंने बादशाह से मिलकर रूई का आयात खुलवा दिया। रूई-चोरों को पकड़ने का दायित्व अपने ऊपर ले लिया।

बीरबल ने सभी को समझाया कि रूई-चोरों के पीछे व्यापारी हो सकते हैं, जो जुलाहों को रूई सप्लाई करते हैं। ये व्यापारी उचित मूल्य पर नहीं बेचते, बल्कि उच्च मूल्य पर रूई बेचते हैं, जिससे जुलाहों को कमी पड़ती है।

बीरबल ने इन व्यापारियों को इकट्ठा किया और उन्हें समझाया, ‘आप ही रूई के व्यापारी हैं, और आपके माध्यम से ही रूई राज्य में आती है। आप लोगों के बीच रूई-चोर हैं, जिसके कारण जुलाहों को रूई मिलने में कठिनाई होती है। आपके द्वारा रूई की मात्रा कम की जाती है और आप उसे अधिक मूल्य पर बेचते हैं।’

आप लोगों में ही कोई चोर है और मैं जानता हूँ कि कौन है। ऐसे व्यक्ति की पगडी स्वयं ही बता देगी कि रूई-चोर कौन है ?

उन लोगों के बीच मारवाड़ी सेठ रूई की जमाखोरी, मुनाफाखोरी और ब्लैक करता था, उसका हाथ तुरंत पगड़ी पर चला गया कि कहीं उसकी पगड़ी पर रूई तो नहीं लगी है, जिसे बीरबल ने देख लिया हो।

बस फिर क्या था, चोर पकड़ा गया। उसी के गोदाम से रूई की गाँठे बरामद की गईं। इसके बाद रूई की चोरी राज्य में नहीं हुई।

इस तरह से बीरबल की सूझ-बूझ से रूई-चोर पकड़ा गया। राज्य में फिर से कपड़े का उत्पादन होने लगा।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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