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सबकी अलग – अलग परेशानी – Short Moral Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

सबकी अलग – अलग परेशानी – Short Moral Story In Hindi

हमें हमेशा ऐसा ही लगता है की दुसरो को हमसे ज्यादा अच्छा जीवन मिला है जबकि सच यह होता है की सब लोगो की अपनी अलग ही परेशानी होती है। जैसे दुसरो के पास जो होता है वो हमारे लिए एक सपना होता है वैसे ही आज जो आपके पास है वो शायद किसी दूसरे के लिए एक सपना हो सकता है। इसलिए हमें जो मिला है उसी में हमें संतोष रखना चाहिए। ये कहानी (सबकी अलग – अलग परेशानी – Short Moral Story In Hindi) भी उसी के बारे में है।

एक बार एक पहाड़ी पर एक बच्चा रहता था। हररोज वह भेड़े चराने जाता था पर हर सुबह वह अपने घर की खिड़की से दूर बने एक दूसरे घर को देखा करता। उस घर की खिडकिया सुनहरी थी।

वह बच्चा कहता था की एक दिन में वहा जरूर जाऊँगा। एक बार उस बच्चे के पिता ने कहा की आज भेड़े चराने में जाऊँगा। इस छोटे से बच्चे को तो इसी दिन का इंतज़ार था।

पिता के जाने के बाद वह बच्चा सुनहरी खिड़कियों के उस घर की तरफ निकल पड़ा। चलते – चलते उसे आभास हो गया की वो जिस घर को पास में समज रहा था, वह वास्तव में उतना पास में नहीं था बल्कि बहुत दूर था। जब वो बच्चा वहा पर पंहुचा तब तक तो शाम हो चुकी थी।

बच्चे को सुनहरी खिड़कियों का घर तो नहीं बल्कि टूटी हुई खिड़कियों वाला एक पुराना घर दिखा। उसने जब आवाज दी तो उसी की उम्र वाला एक छोटा सा बच्चा बाहर आया। पहले बच्चे ने दूसरे बच्चे से बड़ी उत्सुकता से पूछा क्या तुमने सुनहरी खिड़कियों वाला घर देखा है?

दूसरा बच्चा उसे अंदर ले आया और घर की खिड़की पर पहले बच्चे ने जैसे ही वहा देखा वह स्तब्ध रह गया। दूर कही उसका अपना घर था जो की डूबते हुए सूरज से सुनहरा चमक रहा था।

Moral : हमें हमेशा लगता है की दुसरो को हमसे ज्यादा अच्छा जीवन मिला है जबकि सच यह होता है की सब लोगो की अपनी अलग ही परेशानी होती है। आज जो आपके पास है वो शायद किसी दूसरे के लिए सपना हो सकता है , इसलिए ईश्वर ने आपको जो दिया है वह बहुमूल्य है , दुसरो से अपनी तुलना मत कीजिये।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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