Moral

Sad Love Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

Sad Love Story In Hindi

ये कहानी (Sad Love Story In Hindi) अदिति और अनुराग की है। वो दोनों एक – दूसरे से कैसे मिले और एक दूसरे से कैसे जुदा हुए ये सब इस कहानी में बताया गया है।

अदिति गुजरात से दिल्ली कॉलेज के लिए आई थी और अनुराग मध्य प्रदेश से उसी कॉलेज में पढ़ने के लिए आया था।अनुराग एक सीधा-साधा लड़का है। जो ना तो लड़कियों से ज्यादा बात करता है और ना ही किसी से ज्यादा मतलब रखता है।

अनुराग की यह बात अदिति को बहुत अच्छी लगती है और वह किसी ना किसी बहाने अनुराग से बात करने की कोशिश करती है। अदिति दिखने में सुंदर लगती है और कुछ ही समय में अनुराग और अदिति की दोस्ती हो जाती है ।

अनुराग धीरे-धीरे अदिति को पसंद करने लगता है, दोनों दिनभर कॉलेज में बातें करते है और अपने हर, लाइक डिसलाइक को शेयर करते हैं और कुछ समय में बहुत अच्छे दोस्त बन जाते हैं। अनुराग की लाइफ में पहले कभी कोई लड़की आई नहीं थी।

जहा दूसरी तरफ अदिति के पहले से ही बहुत सारे दोस्त थे और वो सभी से बाते भी करती थी, अदिति की ये बात अनुराग को बिलकुल भी पसंद नहीं थी।

एक दिन बातों ही बातों में अनुराग, अदिति को अपने मन की बात बता देता है। अदिति उससे एक दिन का वक्त मागती है और कहती है मैं कल तुम्हें इसका जवाब दूंगी।

अदिति सोचती है की जब अनुराग कॉलेज में पढ़ने आया था, तब वह सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देता था लेकिन अब उसका पूरा ध्यान मुझ पर रहता है।

अगर मैं उसकी गर्लफ्रेंड बन जाऊंगी तो यह पढ़ाई भूल जाएगा और मेरे में ही लगा रहेगा, यही सब ख्याल अदिति के मन में होते हैं और दूसरे दिन अदिति अपने दोस्त अनुराग को मना कर देती है और कहती है मैं तो तुम्हे बस अपना दोस्त समझती हूं इस से ज्यादा कुछ नहीं।

अदिति उसे कहती है की मै तो यहाँ पर पढ़ने के लिए आयी हु, तुम जो सोचते हो ऐसा कुछ करने के लिए नहीं। अगर तुम चाहो तो मेरे दोस्त रह सकते हो। अनुराग अदिति को दोस्ती के लिए मना कर देता है और अदिति को बहुत समझाता है लेकिन अदिति उसकी एक नहीं सुनती है।

अनुराग को यह बात बहुत बुरी लगती है और वह अदिति से बात करना बंद कर देता है और वो कुछ दिनो तक कॉलेज में भी नहीं आता है।

अब अनुराग अदिति को पूरी तरह से भूल कर पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाता है और ना किसी से ज्यादा बात करता है और ना मतलब रखता है। देखते-देखते कॉलेज की पढाई पूरी हो जाती है और सब अलग-अलग हो जाते हैं। अनुराग कॉलेज में टॉप करता है और एक अच्छी नौकरी प्राप्त कर लेता है।

चार – पांच साल बीत जाते है, ना अनुराग को अदिति का पता रहता है ओर ना ही अदिति को अनुराग का कुछ पता रहता है। अनुराग अपनी कंपनी छोड़ कर एक नई कंपनी मे जोइन करता है। जिसमें उसकी पोस्ट पहले से बहुत अच्छी और उसकी पगार भी दुगनी रहती है।

जब अनुराग पहले दिन ऑफिस जाता है तो उसे पता चलता है की अदिति इस ऑफिस में उसकी जूनियर है। वह उस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है और सिर्फ अपने काम में ही लगा रहता है।

कुछ दिनों ऐसा ही चलता है पर दोनों एक दूसरे को पहले से जानते थे और एक दिन दोनों को एक प्रोजेक्ट के लिए साथ में बाहर जाना पड़ता है। प्रोजेक्ट के बाद ना चाहते हुए भी अनुराग और अदिति की बात होने लगती है ।

अदिति अनुराग को समझाती है की आखिर उसने उसको मना क्यों किया था। अनुराग को अदिति की बात समझ में आ जाती है और दोनों में गहरी दोस्ती फिर से हो जाती है।

पूरे ऑफिस में दोनों की दोस्ती के चर्चे होने लगते है। अनुराग कुछ समय बाद अदिति को डिनर पर ले जाकर फिर से प्यार का इजहार करता है ।

अदिति इस बार अनुराग से मना नहीं करना चाहती थी पर उसके पास ओर कोई चारा नहीं था क्योंकि कुछ ही दिनों में उसकी शादी होने वाली थी।

अदिति अनुराग को अपनी शादी की बात बताती है ,इस बार अनुराग का दिल पूरी तरह से टूट जाता है ओर वह बिना कुछ कहे वहां से चला जाता है।

अदिति रात में घर पर जाकर सोचती है की अनुराग से अच्छा लड़का मुझे कभीं नहीं मिलेगा और वह फ़ैसला करती है की कल अनुराग को हा कर दूँगी और मम्मी पापा को अनुराग से शादी के लिए मना लूँगी।

लेकिन ये क्या? जब अदिति दूसरे दिन ऑफिस जाती है तो उसको पता चलता है कि अनुराग ऑफिस छोड़कर चला गया और दोबारा कभी भी उस कंपनी में वापस नहीं आएगा। जाते-जाते अनुराग अदिति को एक खत लिख कर जाता है।

जिस दिन मैंने तुम्हें देखा था उसी दिन से मैं तुमसे प्यार करता हूं ,मैं तुम्हें जिंदगी में कभी नहीं भूल पाऊंगा। तुम जहां भी रहो जिसके साथ भी रहो खुश रहो। अब में इस जीवन में इस दर्द के साथ ही जिंदा रहूंगा। मैंने हमेशा तुमसे प्यार किया है और करता भी रहूँगा।

तुम मेरी जिंदगी में आने वाली पहली और आखरी लड़कीं हो। अब ना मेरी जिंदगी में कोई आएगा और ना मैं किसी को आने दूगा। में बस अब तुम्हारी यादों में रहूगा। आज के बाद पूरी जिंदगी में तुम्हें कभी अपनी सकल भी नहीं दिखाऊँगा। बस भगवान से यही दुआ करता हूं तुम जहां भी रहो खुश रहो और शादी के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं ।

अदिति अनुराग को खोजने की बहुत कोशिश करती है। पर कई साल के बाद भी उसको अनुराग नहीं मिलता है और वह अपने मां-बाप की पसंद के लड़के के साथ शादी कर लेती है। इस तरह दोनों हमेशा हमेशा के लिए एक दूसरे से बिछड़ गए और दर्द के साथ अपनी जिंदगी व्यतीत करते है ।

Moral : हमें सही समय पर हमारी बात सामने वाले के सामने रखनी चाहिए नहीं तो समस्या ओर भी बढ़ सकती है और अंत में हम कुछ नहीं कर सकते है।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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