सफलता का रहस्य – Moral Story In Hindi
यह कहानी उन लोगो के लिए है जो हमेशा Safe Zone में रहना ही पसंद करते है और उनके इस Safe Zone के चक्कर में वो अपनी Life में ज्यादा कुछ हासिल नहीं कर सकते है । सफलता का रहस्य ना सिर्फ Safe रहने में है लेकिन Risk उठाने में भी होता है ।
तेज नाम का एक 10 साल का लड़का था । वो गर्मी की छुट्टियों में अपने दादाजी के पास गांव में रहने और घूमने के लिए आया था । वो अपने दादाजी से कहता है की में एक दिन बहुत बड़ा आदमी बनुगा । मुझे आप बड़ा आदमी बनने के लिए और सफलता पाने के लिए क्या रहस्य होता है वो बतायेगे ना ? दादाजी तेज को हां बोल देते है ।
अब दादाजी तेज को वहा पास में जो पौधशाला है वहा पर ले जाते है । वहा जा कर दादा जी ने 2 छोटे- छोटे पौधे खरीदे और घर वापस आ गए । घर वापिस आने के बाद दादाजी ने उस 2 पौधे में से एक पौधा घर के बहार लगा दिया और दूसरा पौधा घर के अंदर गमले में लगा दिया ।
यह दो पौधे लगाने के बाद दादाजी ने तेज से पूछा की बेटा तुम्हे क्या लगता है की इस दो पौधे में से कौन सा पौधा भविष्य में ज्यादा सफल होगा । तेज ने बताया की दादाजी मुझे लगता है की जो पौधा घर के अंदर है वो पौधा भविष्य में ज्यादा सफल होगा क्योकि अंदर रहने से वो ज्यादा Safe रहेगा और उसे आंधी-पानी,तेज धूप जैसे खतरों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा । जो पौधा बहार है उसे तेज धूप , आंधी-पानी जैसे खतरों का सामना करना होगा तो वो अंदर वाले पौधे से ज्यादा सफल नहीं हो पाएंगा ।
दादाजी ने कहा की बेटा चलो कुछ Time के बाद देखेंगे की कौन सा पौधा भविष्य में ज्यादा सफल हुआ है । अब तेज की गर्मी की छुट्टिया भी ख़तम होने वाली थी उसलिए वो अपने घर वापिस चला गया ।
दादाजी अब दोनों पौधे का बराबर ध्यान देते रहे और समय बीतता गया। 3-4 साल के बाद तेज अपने Parents से साथ वापिस गर्मी की छुट्टियो में गांव दादाजी के घर पर जाता है ।
इस बार वो अपने दादाजी से कहता है की दादाजी मेने पहले भी आप से कहा था की आप मुझे सफलता का रहस्य बताओ पर आपने तभी मुझे नहीं बताया था । में उम्मीद रखता हु की आप मुझे इस बार सफलता पाने का रहस्य जरूर बताएंगे ।
दादाजी मुस्कुराये और तेज को उस जगह ले गए जहाँ उन्होंने गमले में पौधा लगाया था । तेज ने वहा पर जाके देखा तो अब वो पौधा एक खूबसूरत पेड़ में बदल गया था । इसे देख कर तेज बहुत ज्यादा खुश हुआ और उसने दादाजी से कहा की देखो मेने बताया था बिलकुल वैसा ही हुआ ना दादाजी । ये अंदर वाला पौधा बहार वाले पौधे से ज्यादा सफल हुआ ना ।
दादाजी ने कहा बेटा पहले बहार जो पौधा था उसे तो देखो । दादाजी उसे बहार लेकर गए और तेज ने देखा की जो पौधा बहार था वो अब एक विशाल वृक्ष में परिवर्तित हो गया था । वो वृक्ष गर्व से खड़ा था ! उसकी शाखाएं दूर तक फैलीं थीं और उसकी छाँव में लोग भी खड़े हुए थे ।
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ये सब देखकर तेज बड़े आस्चर्य में पड गया और उसने दादाजी से पूछा की आखिर ऐसा कैसे हुआ ? ये बहार जो पौधा था वो अंदर वाले पौधे से कैसे ज्यादा सफल हुआ । दादाजी ने बेटे को समजाते हुए कहा की बेटा यही तो सफलता का रहस्य है !
दादाजी ने कहा की बेटा बहार वाले पौधे के पास आज़ादी थी कि वो अपनी जड़े जितनी चाहे उतनी फैला सके , आपनी शाखाओं से आसमान को छू सके । माना की बहार जो पौधा था उसने खतरों का सामना किया होगा पर वो Challenges Face करने के अपने Rewards भी तो उस पौधे को मिले होंगे । तेज दादाजी की बात समज गया और उसे अपने दादाजी से सफलता का रहस्य भी पता चल गया ।
हम भी कई बार अपनी Life में Risk की वजह Safe Zone में रहना की पसंद करते है । असली सफलता न केवल Safe रहने से बल्कि कभी – कभी Risk उठाने से भी मिलती है । अगर हम जीवन भर Safe Zone Select करते है तो फिर हम कभी भी उतना नहीं Grow कर पाते है जितनी हमारी क्षमता होती है ।
Moral – सफलता न केवल Safe रहने से बल्कि Risk उठाने से भी मिलती है ।
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