Inspiring Short Stories

समाज और सफलता – Short Inspiring Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

समाज और सफलता – Short Inspiring Story In Hindi

हम में से कही सारे लोग ऐसे होंगे जो कुछ नया और उत्तम करने का सोचते होंगे लेकिन समाज उनके काम के विरोध में आता होगा , ऐसी Situation में क्या करे और कैसे करे ये इस कहानी (समाज और सफलता – Short Inspiring Story In Hindi) में बताया गया है।

गंगा के तट पर एक महात्मा और उनके शिष्य विचारवाणी और शिक्षा के अद्वितीय पाठ्यक्रम में लगे थे। एक दिन, एक उत्सुक शिष्य ने गुरु जी से एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा, “गुरु जी, हमें यदि कुछ नया और उत्तम करने का इरादा हो, लेकिन समाज हमारे इस काम के विरोध में हो, तो हमें क्या करना चाहिए?”

गुरु जी ने ध्यान से सोचा और फिर आलोचनात्मक दृष्टिकोण से उत्तर दिया, “पुत्र, इस प्रश्न का उत्तर मैं कल दूंगा।”

अगले दिन, जब सभी शिष्य गुरु के संग नदी के किनारे एकत्र हुए, तो गुरु जी ने एक अद्वितीय प्रयोग का आलंब दिया। वह बोले, “आज हम एक प्रयोग करेंगे। हम इन तीन मछली पकड़ने वाली डंडियों का उपयोग करेंगे, जो एक ही प्रकार की हैं और एक ही लकड़ी से बनी हैं।”

फिर गुरु जी ने उस शिष्य को बुलाया जिसने प्रश्न किया था। “पुत्र, यह डंडी लो और इस डंडी से मछली पकड़ो,” गुरु जी ने निर्देश दिया।

शिष्य ने डंडी को पकड़कर पानी में डाल दिया। जल्दी ही, एक बड़ी मछली डंडी में फंस गई। “जल्दी, पूरी ताकत से बाहर खींचो,” गुरु जी बोले।

शिष्य ने पूरी कोशिश की, लेकिन मछली ने भी अपनी शक्ति से विरोध किया और डंडी टूट गई। “कोई बात नहीं; ये दूसरी डंडी लो और पुनः प्रयास करो,” गुरु जी बोले।

शिष्य ने फिर से मछली पकड़ने के लिए दूसरी डंडी का उपयोग किया। इस बार भी मछली कांटों में फंसी, लेकिन गुरु जी ने शिष्य से कहा, “धीरे-धीरे, एकदम हल्के हाथ से डंडी को खींचो।”

शिष्य ने गुरु जी की सलाह मानी पर मछली ने इतनी जोर से झटका दिया कि डंडी हाथ से छूट गयी।

गुरु जी ने कहा लगता है मछली बच कर निकल गयी, चलो इस आखिरी डंडी से एक बार फिर से प्रयत्न करो। शिष्य ने फिर से एक बार प्रयत्न किया।

इस बार जैसे ही मछली फंसी गुरु जी बोले ,सावधान , इस बार न अधिक जोर लगाओ न कम …. बस जितनी शक्ति से मछली खुद को अंदर की ओर खींचे उतनी ही शक्ति से तुम डंडी को बाहर की ओर खींचो, कुछ ही देर में मछली थक जायेगी और तब तुम आसानी से उसे बाहर निकाल सकते हो।

शिष्य ने ऐसा ही किया और इस बार मछली पकड़ में आ गयी

गुरु जी ने समझाया, “देखो, यह सिखने का संदेश है। जिस तरह से तुमने मछली को बाहर निकालने के लिए सही तरीके से डंडी का उपयोग किया, हमें भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। जीवन में हमें विफलता से निराश होने की बजाय सही तरीके से प्रयास करना चाहिए।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समाज की आलोचना और विरोध से घबराने की बजाय हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सही दिशा में प्रयास करना चाहिए। हमें अपनी शक्तियों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए, ताकि हम अपने मानवीय कार्यों में सफल हो सकें।

ये मछलियाँ उस समाज के समान हैं जो आपके कुछ करने पर आपका विरोध करता है। अगर आप इनके खिलाफ अधिक शक्ति का प्रयोग करेंगे तो आप टूट जायेंगे , यदि आप कम शक्ति का प्रयोग करेंगे तो भी वे आपको या आपकी योजनाओं को नष्ट कर देंगे किन्तु अगर आप उतने ही बल का प्रयोग करेंगे जितने बल से वे आपका विरोध करते हैं तो धीरे -धीरे वे थक जाएंगे और आखिर वे हार मान लेंगे और इस तरह से आप जीत जायेंगे।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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