सेब या घोडा – Short Story In Hindi
आप के घर में पति की चलती है या फिर पत्नी की? इसी बात को लेकर ही इस कहानी (सेब या घोडा – Short Story In Hindi) में बात की गई है। कैसी बात और किसने बात शुरू की ये जानने के लिए आपको पढ़नी पड़ेगी ये कहानी।
एक राजा की इच्छा यह जानने की हुई कि उसके राज्य के लोगो कि घर गृहस्थी पति से चलती है या पत्नी से। इसके लिए उसने एक सर्वे कराया। राजा ने एलान कराया कि जिसके घर में पति का हुक्म चलता हो, उसे मनपसंद घोडा इनाम में मिलेगा। जिसके घर में पत्नी की सरकार हो, वह एक सेब ले जाए।
एक के बाद एक सभी सेब उठाकर ले जाने लगे। राजा को चिंता होने लगी की क्या मेरे राज्य में सभी सेब वाले ही है? तभी एक लम्बी – लम्बी मूछो वाला मोटा – तगड़ा जवान आया और बोला राजा जी मेरे घर में मेरा ही हुक्म चलता है। लाइए एक घोडा मुझे दे दीजिये।
राजा उस जवान की बात सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गया। राजा ने उससे कहा की – जाओ अपना मनपसंद घोडा ले जाओ! जवान काला घोडा लेकर निकल गया। घर गया और कुछ ही देर में वो वापस दरबार में लौट आया।
राजा ने पूछा, क्या हुआ जवांमर्द? तुम वापस क्यों आये हो? जवान ने कहा कि महाराज मेरी घरवाली ने मुझसे कहा कि काला रंग तो अशुभ होता है, सफ़ेद रंग शांति का प्रतिक होता है, तो आप मुझे काले घोड़े की जगह पर सफ़ेद घोडा दे दीजिये।
राजा ने कहा बेटा ये घोडा रख और सेब लेकर जा। इसी तरह रात हो गयी, पूरा दरबार खाली हो गया। लोग सेब लेकर चले गए।
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आधी रात को महामंत्री ने दरवाजा खटखटाया। राजा ने कहा – बोलो महामंत्री कैसे आना हुआ? महामंत्री बोला – महाराज आपने सेब और घोडा इनाम में रखा उसकी जगह एक मण अनाज या सोने की मोहर रखा होता तो लोग कुछ दिन खा सकते थे या जेवर बनवा सकते थे।
राजा ने कहा कि मुझे तो यही इनाम में रखना था लेकिन महारानी ने कहा कि सेब और घोडा ही ठीक है। इसलिए वह रखा। इस पर महामंत्री ने तपाक से कहा – महाराज आपके लिए भी सेब काट दू!
राजा को हंसी आ गयी। उन्होंने कहा यह सवाल तुम मुझे दरबारा में या फिर कल सुबह भी पूछ सकते थे तो आधी रात को क्यों आए?
महामंत्री ने कहा कि मेरी धर्मपत्नी ने कहा – अभी जाओ और पूछ के आओ, ताकि सच्चाई का पता चल सके। तभी राजा ने महामंत्री की बात काटकर कहा – महामंत्री जी, सेब आप खुद ले लोंगे या घर भेज दिया जाए?
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