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शिकारी और कबूतर – Short Panchtantra Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

शिकारी और कबूतर – Short Panchtantra Story In Hindi

हम सभी मिलकर एकजुट होकर मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में से भी आसानी से बाहर आ सकते है । ये कहानी (शिकारी और कबूतर – Short Panchtantra Story In Hindi) उसी के बारे में है ।

एक विशाल बरगद के पेड़ के शीर्ष पर एक कौआ रहता था । कौआ हररोज सुबह-सुबह भोजन इकट्ठा करने के लिए शहर की ओर उड़ जाता और शाम तक वापस आ जाता ।

एक दिन, कौआ शहर की यात्रा कर रहा था, तब उसने एक शिकारी को हाथ में बीज लिए हुए पेड़ के पास देखा । कौवे ने मन ही मन सोचा, “यह शिकारी किसी को मारने निकला है! उसके हाथ में अनाज पक्षियों को लुभाने के लिए है ।”

कौवा तो वापस पेड़ के पास उड़ गया और पेड़ पर रहने वाले कई अन्य जानवरों और जंगली पक्षियों को इकट्ठा किया, “दोस्तों, एक दुष्ट शिकारी हमारे घर की ओर आ रहा है । उसके हाथ में कुछ स्वादिष्ट अनाज हैं। वह आपको प्रेरित करने के लिए उन्हें इधर-उधर फेंक देगा । उनमें से किसी को भी मत छुएं अन्यथा आपका जीवन खतरे में पड़ जाएगा । ”

जैसे ही कौवे ने बताया था ठीक वैसे ही , शिकारी ने अनाज पेड़ से आगे फेंक दिया । कोई भी पक्षी या जानवर उसके पास नहीं गया ।

दुर्भाग्य से! दाना खाने के लिए बहुत से कबूतरों का झुंड आकाश से नीचे उतरा । कबूतर दानों पर झपट पड़े और इससे पहले कि उन्हें इसका एहसास होता, शिकारी ने उन पर अपना जाल फेंक दिया ।

इसी तरह सारे कबूतर पकड़ लिये गये । उन सभी कबूतरों में से एक बुद्धिमान कबूतर ने बाकि सभी से चिल्लाकर कहा, “यह एक जाल था ! दुष्ट शिकारी अब हम सभी को मार डालेगा।”

उस बुद्धिमान कबूतर ने ये भी कहा तुम सब अब चिंता मत करो! मेरे पास एक योजना है, लेकिन योजना को सफल बनाने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा ।

जब मैं तीन तक गिनूंगा, तो सभी को अपने पंख फड़फड़ाने होंगे और आकाश में उड़ना होगा । हम सुरक्षा के लिए जाल के साथ उड़ने जा रहे हैं ।

जैसे-जैसे शिकारी जाल की ओर बढ़ रहा था, वह कल्पना कर रहा था कि वह कितना भाग्यशाली है कि उसने एक ही दिन में इतने सारे पक्षियों को पकड़ लिया । लेकिन उसे बड़ा झटका लगा! पक्षियों ने अपने पंख फड़फड़ाये और उसकी आँखों के ठीक सामने आकाश की ओर उड़ गये ।

शिकारी चिल्लाया, “रुको, रुको, तुम मेरा जाल अपने साथ ले जा रहे हो…।” लेकिन पक्षी बहुत दूर उड़ चुके थे और स्पष्ट रूप से शिकारी कुछ भी नहीं कर सका । जब वे शिकारी से सुरक्षित रूप से दूर हो गए, तो उस बुद्धिमान कबूतर ने कहा, “आइए हम मेरे अच्छे दोस्त, चूहों के राजा, के पास चलें । वह अपने तेज़ दांतों से हमें इस जाल से छुड़ाएगा ।”

सभी कबूतर चूहे के पास गए । चूहों का राजा अपने दोस्त को जाल में फंसा हुआ देखकर उसकी मदद करने के लिए तुरंत आ गया , उसने अपने सभी करीबी दोस्तों को बुलाया और कुछ ही मिनटों में कबूतर पूरी तरह से आज़ाद हो गए ।

चूहों के राजा ने आज़ाद कबूतरों को देखा और कहा, “जब तुम एकजुट हो, तो तुम जो चाहो कर सकते हो ।”

Moral : एकजुट होकर आप हमेशा जीतेंगे ।

अगर आपको हमारी Story (शिकारी और कबूतर – Short Panchtantra Story In Hindi ) अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ भी Share कीजिये और Comment में जरूर बताइये की कैसी लगी हमारी ये कहानी ।

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Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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