स्वमूल्यांकन – Motivational Story In Hindi
ये कहानी है स्वमूल्यांकन के बारे में । स्वमूल्यांकन के द्वारा हमें अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है ।
कीर्तन एक मेहनती और ईमानदार युवक था । उसका स्वभाव भी अच्छा था । एक दिन वो किराने की दुकान पर गया और उसने वहा जाकर सिक्का डालने वाला सार्वजनिक फ़ोन का उपयोग किया । कीर्तन ने सिक्का डाला और एक नम्बर डायल किया । किसी ने फोन उठाया ।
कीर्तन बोला , ” हेलो सर , मेने सुना था की आपको एक ड्राईवर की जरुरत है । में भी एक ड्राइवर ही हु । क्या आप मुझे अपने यहाँ ड्राईवर की नौकरी दे सकते हो ? ”
उस व्यक्ति ने कीर्तन से कहा की , ” मेरे यहाँ पहले से ही एक ड्राईवर है और इसलिए मुझे अन्य किसी ड्राईवर की जरुरत नहीं है । कीर्तन ने कहा , सर में एक अच्छा ड्राइवर हु और में ईमानदार इंसान भी हु । में आपके यहाँ जो ड्राइवर काम करता है उससे भी कम तनख्वाह में काम करने के लिए तैयार हु ।
उस व्यक्ति ने कहा की , मेरे यहाँ जो ड्राइवर है वो बहुत अच्छा है और में उसके काम से खुश हु ,बात पैसो की है ही नहीं , में जैसा ड्राइवर चाहता हु वैसा मेरे पास पहले से है ।
कीर्तन ने कहा , सर में आपके यहाँ ड्राइवर का काम करने के साथ साथ अन्य काम भी करूँगा , जैसे की सब्जी लाना ,इत्यादि । मैं आपको यकीन दिलाता हूँ कि मैं आपको किसी भी शिकायत का मौका नहीं दूंगा । कीर्तन ने अंत में कहा की मुझे उम्मीद है की आप मुझे मना नहीं करोगे ।
उस व्यक्ति ने कहा की , कहा न मुझे अभी किसी ड्राईवर की जरूरत नहीं है , इतना बोलकर उसने फ़ोन काट दिया । किराने की दुकानवाला कीर्तन की बात बहुत ध्यान से सुन रहा था ।
उसने कीर्तन के कहा की बेटा , शहर में मेरा बेटा रहता है और उसे एक अच्छे ड्राईवर की जरूरत है । अगर तुम कहो तो मैं तुम्हे नौकरी दिलवा सकता हूँ ।
कीर्तन ने उस दुकानदार से कहा की सहयोग के लिए धन्यवाद ! पर मुझे नौकरी की कोई जरुरत नहीं है । वो दूकानदार हैरानी के साथ बोला , अभी तो तुम फ़ोन पर इतना गिडगिडा रहे थे और अब क्या हुआ ? में जब तुम्हे आसानी से नौकरी दिलवा रहा हूँ तो तुम नखरे कर रहे हो । भलाई का तो ज़माना ही नहीं रहा है अब ।
कीर्तन ने विनम्रता के साथ उस दूकानदार को कहा की , आप मुझे गलत समज रहे हो । मुझे नौकरी की कोई जरुरत नहीं है । सच बात तो ये है की मैं अपने ही काम की परीक्षा ले रहा था । उस व्यक्ति के यहाँ काम करने वाला ड्राईवर और कोई नहीं बल्कि वो मैं ही खुद हूँ ।
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Motivational Short Story In Hindi – जीवन का मूल्य
एक सफल जीवन जीने के लिए ये बहुत जरुरी होता है की हम अपने आप को अच्छी तरह से जान ले । हमें अपनी कमजोरियों और कमियों को जानना चाहिए और उस कमियों पर जल्द से जल्द विजय प्राप्त करना चाहिए ।
कोई भी इंसान हमें इतना नहीं समज सकता है जितना की हम खुद को समज सकते है । स्वमूल्यांकन एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रकिया होती है , जिसके द्वारा हम अपने आप को और भी बेहतर बना सकते है ।
हमें अपने आप से ये सवाल पूछने चाहिए :
में जो काम कर रहा हु क्या वो में सही से कर रहा हु ?
क्या में अपने काम में अपना 100 % Contribution दे रहा हु ?
क्या में अपने काम को और भी बेहतर तरीके से कर सकता हु ?
स्वमूल्यांकन से न सिर्फ हम अपनी पेशेवर ज़िंदगी सफल बना सकते है लेकिन हम अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पा सकते है ।
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