Top 10 Moral Stories In Hindi
- ईमानदारी का फल – Moral Story In Hindi
किसी भी काम में ईमानदारी रखना बहुत ही ज्यादा जरुरी होता है । अगर हम अपने रोजिंदा जीवन में ईमानदारी से काम करे तो हमें ईमानदारी का फल मिलता ही है ।
पुराने समय की बात है । किसी राज्य में एक राजा राज करता था । राजा का स्वभाव काफी अच्छा था और उनके राज्य की प्रजा भी राजा के कामकाज से खुश थी । राजा को केवल एक बात का ही सुख नहीं था और वो ये बात थी की उसके कोई संतान नहीं थे ।
एक दिन राजा को ऐसा विचार आता है की में अपने राज्य में से किसी बच्चे को गोद ले लू जिससे में उत्तराधिकारी बना पाऊ और वो मेरे आगे के सारे कामकाज संभाल पाए । अब राजा ने तैय कर लिया था की वो अपने राज्य में से किसी बच्चे को गोद लेने वाला है और उसने अपने राज्य में ये घोषणा भी करवा दी थी ।
राजा की घोषणा के अनुसार सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हुए । राजा इन सभी बच्चो में से किसी एक को गोद लेने वाले थे । राजा ने उन सभी बच्चो को पौधे लगाने के लिए दिए और कहा की अब हम 5 महीने के बाद मिलेंगे और देखेंगे की किसका पौधा सबसे अच्छा हुआ है ।
साथ ही साथ राजा ने सभी को ये भी कहा की जिसका पौधा सबसे अच्छा हुआ होगा में उस बच्चे को गोद लूंगा । सभी बच्चे अपने अपने घर चले जाते है ।
5 महीने के बाद वो सभी अपना पौधा लेकर राजमहल में आते है । उन सभी बच्चो के गमले में बीज फूटे हुए थे लेकिन उन सभी बच्चो के बिच में सिर्फ एक ही बच्चा ऐसा था की जिसका गमला खाली था यानि की बीज अभी तक नहीं फूटे थे । वो बच्चा उन सभी के गमले देखकर डर जाता है और बहुत परेशान हो जाता है ।
राजा और बाकि सभी की नजर उस बच्चे के गमले की ओर जाती है । राजा तुरंत उस बच्चे के पास जाते है और उनसे पूछते है की तुम्हारे गमले में क्यों बीज नहीं फूटे है । वो बच्चा कहता है की मेने हररोज इसकी देखभाल की थी और में हररोज पौधे को पानी भी देता था लेकिन पता नहीं मेरे गमले में क्यों बीज नहीं फूटे ।
सभी बच्चो के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया , वो बच्चा सहमा सा था । राजा ने उस बच्चे का गमला सभी को दिखाया और उसका गमला देखने के बाद बाकि सब बच्चे हसने लगे । राजा ने कहा सभी शांत हो जाओ । राजा के हुकम से सभी शांत हो जाते है ।
उन सभी से वो कहते है की आप सभी को इतना हसने की जरुरत नहीं है क्योकि मेने आप सभी को जो पौधा दिया था वो बंजर का था यानि की आप कितनी भी मेहनत कर लो लेकिन उनसे कुछ नहीं निकलेगा जिसका मतलब असली देखभाल ईमानदारी से करने वाला ये सिर्फ अकेला लड़का है ।
राजा उसकी ईमानदारी से बहुत ज्यादा खुश थे और उन्होंने ये भी देखा की उसका गमला खाली था फिर भी वो बच्चा हिम्मत करके राजमहल तक आया । राजा ने उस बच्चे को गोद ले लिया और साथ में ही राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया । इस बच्चे को अपनी ईमानदारी का फल मिलता है । वो बहुत ज्यादा खुश हो गया ।
Moral : ईमानदारी का होना बहुत जरुरी होता है । हमें हर काम ईमानदारी से करना चाहिए । हम पूरी दुनिया को धोखा दे सकते है पर हम कभी भी अपने आप को धोखा नहीं दे सकते है । हमें अपने खुद के बारे में सब कुछ सच पता ही होता है । हमें ईमानदारी का फल कभी – न – कभी मिलता ही है ।
2. शार्क का चारा – Moral Story In Hindi
ये Story उन लोगो के लिए है जो अपनी Life में कुछ पाने के लिए दिन – रात एक करके बहुत ज्यादा मेहनत करते है , पर फिर भी कुछ हासिल नहीं कर पाते है और बाद में कोशिश करना ही छोड़ देते है । शार्क भी इस कहानी में बार बार कोशिश करती है उस का चारा खाने के लिए और बाद में हार मान लेती है ।
एक समुद्री जीवविज्ञानी ने प्रयोग के समय एक शार्क को बड़े टैंक में डाल दिया । उसके बाद, उन्होंने उस टैंक में कुछ छोटी मछलियों को छोड़ दिया ताकि वो उस शार्क को चारा दे पाए । वो समुद्री जीवविज्ञानी को पता ही था की छोटी मछलियों को देखकर शार्क तुरंत उस पर हमला करने लगेगी और बिलकुल वैसा ही हुआ । शार्क ने छोटी मछलियों को देखकर तुरंत Attack किया और उन्हें खाने का इंतजार भी नहीं किया ।
उसके बाद इस जीवविज्ञानी ने टैंक में एक स्पष्ट फाइबरग्लास डाला और टैंक को दो भागों में विभाजित कर दिया , शार्क एक साइड में रह गई । मछली का चारा टैंक के दूसरी तरफ भेजा गया था । शार्क ने उन मछलियों पर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन फाइबरग्लास से टकराने में वो विफल रही और उसे चारा नहीं मिल पाया ।
शार्क ने कई घंटो तक प्रयास किया पर हर बार वो उस फाइबरग्लास से टकराती थी और उसे चारा नहीं मिलता था । शार्क ने बिना रुके उस चारे के लिए बहुत ही मेहनत की । बाद में शार्क चारा नहीं मिलने के कारन हारकर बैठ गयी । अब , जीवविज्ञानी ने उस टैंक से ग्लास को हटा दिया । अब शार्क बड़ी आसानी से उस छोटी मछलियों को खा सकती थी । लेकिन शार्क ने छोटी मछलियों पर हमला करने की कोशिश भी नहीं की ।
शार्क ने क्यों कोशिश नहीं की ?
क्योकि शार्क अब टैंक में एक झूठे अवरोध को देखती रहती है और अपने प्रयासों को रोक देती है । उसे अभी भी ऐसा ही लग रहा होता है की वो फाइबरग्लास से टकराएगी और उसे अपना चारा नहीं मिल पाएगा ।
Moral: हम भी इस शार्क की तरह बार बार असफलता मिलने पर कोशिश करना ही छोड़ देते है और उसी कारन से हमें सफलता नहीं मिलती है । चाहे हमें सफलता मिले या नहीं हमें हर वक्त कोशिश करनी चाहिए ।
3. मुर्ख मेंढक – Moral Story In Hindi
ये कहानी है एक मुर्ख मेंढक की । इस कहानी से हम ये बताने वाले है की हमारी life में सिर्फ सही decision लेना ही काफी नहीं होता है बल्कि हम ये decision किस वक्त पर लेते है यह भी महत्त्वपूर्ण होता है ।
एक दिन एक किसान पेड़ के नीचे पानी गर्म कर रहा था । वो किसान जिस बर्तन में पानी गर्म कर रहा था उसी बर्तन में गलती से मेंढक गिर जाता है । उस वक्त पानी ज्यादा गर्म नहीं था इसलिए मेंढक पानी का मजा ले रहा था । कुछ देर के बाद पानी गर्म होने लगा और ये मेंढक भी पानी के तापमान के अनुसार अपनी त्वचा को संतुलित करने लगा ।
जैसे – जैसे पानी का तापमान बढ़ता गया ये मुर्ख मेंढक भी अपने आप को उस पानी में रहने के लिए adjust करता रहा । कुछ देर के बाद पानी ज्यादा मात्रा में गर्म हो गया और ये मेंढक के लिए उस पानी में रहना मुश्किल हो गया ।
अब मेंढक ने सोचा की वो इस पानी से बहार निकल जायेगा । मेढ़क ने उस गर्म पानी से बहार निकलने के लिए छलांग लगायी पर वो वापिस उसी बर्तन में गिर गया । मेढ़क ने दूसरी बार भी प्रयत्न किया फिर भी वो बहार नहीं निकल पाया । बहुत बार प्रयत्न करने के बाद भी वो मेढ़क वापिस उसी बर्तन में गिर जाता था । आखिर में पानी ज्यादा गर्म होने के कारन मेंढक को अपने प्राण गंवाने पड़े ।
इस कहानी से आपको क्या लगता है कि ये मुर्ख मेंढक क्यों बहार नहीं निकल पाया ?
ये मुर्ख मेंढक बहार नहीं आ पाया क्योकि उसने अपनी सारी energy उस बर्तन के गर्म पानी को adjust करने में गँवा दी थी । जब उसने बहार आने का सोचा था तब बहुत ज्यादा वक्त बित गया था और उसके पास उस बर्तन में से बहार निकलने के लिए energy ही नहीं बची थी । अगर उसने ये decision पहले लिया होता तो वो बड़ी आसानी से बहार आ सकता था ।
हमारे जीवन में कई बार बहुत सारे संघर्ष आते है और फिर हम अपने जीवन से थक जाते है । ऐसे समय में हमें कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए ये हम इस कहानी में देखेंगे । जीवन का संघर्ष मायने नहीं रखता है पर उस वक्त हम कैसी प्रतिक्रिया देते है वो मायने रखता है ।
एक बार एक बेटी अपने पापा से शिकायत कर रही थी की उसका जीवन बहुत ही ज्यादा बुरा चल रहा है । वो हर समय अपने जीवन में आने वाले संघर्ष से थक चुकी थी । वो अपने पापा से कह रही थी की जैसे ही में एक संघर्ष का सामना करती हु मेरे जीवन में दूसरा संघर्ष आ ही जाता है ।
उसके पिता पेशेवर रसोइये थे । वो अपनी बेटी को अब रसोई घर में ले जाते है । उन्होंने पानी से 3 बर्तन भरे और इन तीनो बर्तन को उच्च आग पर रखा । जब तीनो बर्तन में पानी उबलने लगा तो फिर उन्होंने एक बर्तन में आलू रखे , दूसरे बर्तन में अंडे रखे और तीसरे बर्तन में ग्राउंड कॉफी बीन्स रखे ।
इस वक्त बेटी को कुछ भी पता नहीं चल रहा था की उसके पिता क्या कर रहे है । बेटी इस वक्त बेसब्री से इंतजार कर रही थी ये जानने का की उसके पिता क्या कर रहे है । करीब 20 मिनट के बाद पिता ने बर्नर बंद कर दिया ।
पिता ने आलू को बर्तन से बहार निकला और एक कटोरे में रखा । उन्होंने फिर अंडों को भी बहार निकला और उसे भी एक बर्तन में रखा । उसके बाद पिता ने कॉफ़ी को भी बहार निकाला और एक कप में रखा ।
पिता ने इतना करने के बाद अपनी बेटी की और मुड़कर पूछा की तुम बेटा क्या देख रही हो ? आलू,अंडे और कॉफ़ी बेटी ने जवाब दिया । पिता ने कहा की बेटा नजदीक से देखो और आलू को छुओ । बेटी ने देखा की आलू नरम हो चुके थे ।
पिता ने अब बेटी को कहा की एक अंडा लो और उसे तोड़ दो । अंडा तोड़ने ने बाद बेटी ने देखा की अंडा उबलने के बाद कठोर हो चूका था । अंत में पिता ने बेटी को कॉफ़ी पिने के लिए कहा । कॉफ़ी की सुगंध उसके चेहरे पर मुस्कान ले आयी ।
बेटी ने पूछा पिताजी इस सब का क्या मतलब है ? फिर पिता ने अपनी बेटी को समझाया की आलू , अंडे और कॉफ़ी बीन्स ने एक ही संघर्ष का सामना किया है और वो है उबलते पानी का सामना । पर सब ने अलग – अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की । आलू मजबूत, कठोर था लेकिन उबलते पानी में नरम और कमजोर हो गया।
अंडा नाजुक था , उबलते पानी से वो सख्त हो गया । ग्राउंड कॉफी बीन्स अद्वितीय थे। उबलते पानी के संपर्क में आने के बाद उन्होंने पानी को बदल दिया और कुछ नया बनाया । इतना समझाने के बाद पिताजी ने अपनी बेटी को पूछा की आप इनमे से कौन हो ?
जब हमारे जीवन में संघर्ष आता है तब हम कैसी प्रतिक्रिया देते है ? क्या हम एक आलू , एक अंडा या फिर एक कॉफ़ी बीन है ?
Moral: हमारे जीवन में भी कई सारी परेशानिया आती है पर इन सब में सिर्फ यही मायने रखता है की हम उस वक्त में कैसी प्रतिक्रिया देते है और क्या बनते है । जीवन सभी झुकावों को अपनाने और उन सभी संघर्षों को परिवर्तित करने के बारे में है जो कुछ भी हम सकारात्मक अनुभव करते हैं ।
5. कर्म – Moral Story In Hindi
ये Story कर्म के बारे में है । आखिर में हमें हमारे कर्म ही काम आते है । जिसने अच्छा कर्म किया होता है उसके साथ अच्छा होता है और बुरे कर्म करनेवाले लोगो के साथ बुरा होता है ।
एक राजा था । वो अपने राज्य में राज करता था । उसने अपने राज्य के लोगो को धोखा देकर उन लोगो से बहुत सारी दौलत हड़प ली थी । उस राजा ने सारी दौलत इकट्ठा करके अपने राज्य से थोड़े दूर एक जंगल में अपनी खूफ़िया जगह पर छुपा दी थी ।
उस खूफ़िया जगह में राजा ने जो खजाना छुपाया था उसकी सिर्फ दो चाबी थी । एक चाबी राजा अपने पास रखता था और दूसरी चाबी उसने अपने एक खास मंत्री को दी थी । इन दोनों के अलावा इस खजाने के बारे में और किसी को कुछ भी पता नहीं था ।
एक दिन राजा किसी को भी बिना बताये अकेले अपनी इस ख़ुफ़िया जगह पर चला जाता है । वो अपने खास मंत्री को भी नहीं बताता है की में जंगल में इस ख़ुफ़िया जगह पर जा रहा हु । राजा वहा पर जाकर अपने खजाने को देख कर बहुत ज्यादा खुश हो जाता है ।
सोने – चांदी की चमक देखकर वो बहुत खुश होता है । उसी समय मंत्री भी उसी रास्ते से गुजर रहा था और उसकी नजर अचानक उस ख़ुफ़िया जगह पर पड़ती है । वो देखता है की दरवाजा तो खुला ही रह गया है । दरवाजे को ऐसे खुला देखकर मंत्री हैरान हो गया ।
फिर मंत्री को याद आता है की कल रात में जब खजाना देखने आया था तभी सायद गलती से दरवाजा खुला रह गया होगा । मंत्री जल्दी से वो दरवाजा बहार से बंद कर देता है और वहा से चला जाता है ।
राजा जब अपना सारा खजाना देखने के बाद संतुष्ट होता है तभी उसकी नजर दरवाजे की और पड़ती है । वो देखता है की दरवाजा तो बहार से बंद है । उसने जोर – जोर से दरवाजा खटखटाया । लेकिन राजा की आवाज उस जंगल में सुनने वाला कोई भी नहीं था ।
राजा बहुत चिल्ला – चिल्ला के मदद मांग रहा था , लेकिन उसकी मदद करने वाला कोई भी नहीं था । थोड़ी देर के बाद राजा को भूख और प्यास भी लगती है । लेकिन अफ़सोस ये सोने – चांदी का खजाना राजा की भूख और प्यास नहीं मिटा पाता है । इस ख़ुफ़िया जगह में ऐसे बंद हो जाने के कारण वो पागल जैसा हो जाता है ।
राजा को अब ऐसा महसूस हो रहा था की मेरी सारी जिंदगी की कमाई मुझे एक गिलास पानी और एक वक्त का खाना भी नहीं दे सकती है । वो पानी और खाना न मिलने के कारण बेहोश हो जाता है ।
वो सारी दुनिया को एक सन्देश देना चाहता था लेकिन उसके पास कागज और कलम नहीं थे । उसने वहा पर जो पत्थर पड़ा था उसको उठाया और उस पत्थर से अपनी ऊँगली फोड़ दी । अपनी ऊँगली से जो खून निकल रहा था उससे उसने दीवाल पर कुछ लिखा ।
राज्य में मंत्री और बाकि सब लोग राजा को ढूंढ रहे थे । राजा ने किसी को भी कुछ नहीं बताया था उस वजह से वो सभी राजा को ढूंढने में असफल रहे । अब बहुत दिन हो चुके थे लेकिन राजा अभी तक नहीं मिला था ।
बहुत दिन तक राजा न मिला तो जो राजा का खास मंत्री था वो राजा के खजाने को देखने के लिए चला जाता है । वो जंगल में जाता है और उस ख़ुफ़िया जगह पर जाकर दरवाजा खोलता है । जब वह दरवाजा खोलता है तभी उसे अजीब सी बदबू आती है ।
मंत्री को कुछ भी समज में नहीं आ रहा था की ये बदबू क्यों आ रही है । वो अंदर जाकर देखता है तो उसे मरे हुए राजा की लाश दिखती है । उस लाश को कीड़े मकोड़े खा रहे थे ।
मंत्री ने दीवाल की और देखा । उसने देखा की दीवाल पर कुछ लिखा हुआ है । मंत्री ने पढ़ा दीवाल पर कुछ ऐसा लिखा था – ये सोने – चांदी की दौलत मुझे एक गिलास पानी और एक वक्त का खाना भी नहीं दे सकती है ! सच यही है की आपके अंतिम समय में आपके साथ ये कुछ भी नहीं आनेवाला है , आपके साथ सिर्फ आपके कर्म की दौलत ही जाएगी ।
आप चाहे पूरी जिंदगी कितनी भी दौलत इकठ्ठा कर ले लेकिन आपके मरने के समय वो कुछ भी काम नहीं आने वाला है । केवल आपके अच्छे कर्म ही आपके साथ जायेगे ।
Moral : जो जिंदगी हमें ऊपर वाले ने उपहार के रूप में दी है उसमे हमें अपने अच्छे कर्म करने चाहिए । लोगो की भलाई करने वाले ही काम करने चाहिए । आखिर हमारे साथ हमारे कर्म की दौलत ही आने वाली है ।
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