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विश्वासघात – Short Story In Hindi

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Written by Abhishri vithalani

विश्वासघात – Short Story In Hindi

ये कहानी है विश्वासघात के बारे में । एक बेटी जो अपने घरवालों से झूठ बोलकर , उनका विश्वासघात करके घर से बहार चली जाती है और उसे इस झूठ का बहुत बुरा अंजाम चुकाना पड़ता है ।

सोनू अपनी मम्मी से कहती है की माँ में आज रात नियति के घर जा रही हु , पढाई करने के लिए और में वही पर रुक जाउंगी । उसकी मम्मी ने उससे कहा बेटा रात को किसी के घर पर रुकना मुझे ठीक नहीं लगता है ।

सोनू ने अपने पापा की तरफ देखा और बोली देखो ना पापा माँ मुझे जाने नहीं दे रही है । उसके पापा ने कहा अरे जाने दो ना उसको अपनी सहेली के घर , वैसे सिर्फ एक रात की तो बात है । पापा ने ये भी कहा की हमें अपने बच्चो पर विश्वास करना चाहिए ।

जाओ बेटा । जाओ , अच्छे से पढाई करना बेटा , पापा ने सोनू से कहा । सोनू ने पापा से कहा Thanks पापा और वो अपनी स्कूटी लेकर निकल गयी ।

रात के दो बजे थे । सोनू के पापा फोन की घंटी सुनकर घबरा जाते है । वो फोन उठाते उठाते सोच रहे थे की इतनी रात को किसने फोन किया होगा । तभी फोन पर आवाज आयी , मि. त्रिवेदी आप जल्द से जल्द थाने आने का कष्ट करें ।

ये सुनकर त्रिवेदीजी की सांसें गले में अटक गयीं थी और वो डर रहे थे की कहीं कोई अनहोनी ना हुई हो , कही मेरी बेटी को कुछ ना हुआ हो । वो जल्द से जल्द थाने पहुंच जाते है । वो वहा पर जाकर देखते है की वहा पर पंद्रह-बिस लड़के और लड़कियां मुंह छिपाये बैठे थे ।

इन पंद्रह-बिस लड़के और लड़कियां में त्रिवेदीजी ने अपनी बेटी सोनू को आसानी से ढूंढ लिया । तभी पुलिस ने कहा देखिये ये बच्चे मुंबई के बहार एक फार्म हाउस में ड्रग्स के साथ पार्टी करते हुए पकडे़ गये हैं ।

आप लोग ना जाने अपने बच्चो को कैसे संस्कार देते हैं । इतनी रात को आप लोग कैसे अपने बच्चो को घर से बाहर निकलने की परमिशन दे देते है । आपको अपने बच्चो के किये पर शर्म आनी चाहिए ।

त्रिवेदी जी का सिर शर्म से झुका जा रहा था । वो बस एक ही बात सोच रहे थे की जब उन्होंने अपनी बेटी पर इतना विश्वास किया तो आखिर क्यों उनकी बेटी ने उनके साथ विश्वासघात कर दिया ।

इस दुनिया में अगर कोई है जो की आपका सबसे ज्यादा ध्यान रखता है और आपका भला चाहता है तो वो सिर्फ आपके माँ – बाप ही होते है । वो भले ही ऊपर से सख्त लगे लेकिन उनके भीतर आपके लिए हमेशा अच्छी भावना ही होती है । हमें कभी भी अपने Parents के विश्वास के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए ।

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About the author

Abhishri vithalani

I am a Hindi Blogger. I like to write stories in Hindi. I hope you will learn something by reading my blog, and your attitude toward living will also change.

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